Movie/Album: ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान (2018)
Music By: अजय-अतुल
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: विशाल ददलानी, सुखविंदर सिंह
रात पौने बारह पे डाल के शरारा
बग़दाद से मंगाई रात है
हाल से मलंगी है, चाल से फिरंगी
शैतान की लुगाई रात है
इसकी अदा में कोहिनूर का जमाल है
शौक़ीन है मिज़ाज से मिया कमाल है
अंगूर के निचोड़ में नहा के आयी है
मौके का फायदा उठा ले फिर भी ताल है
अरा रा रा, हुड़दंग मचे शोर मचे हल्ले
ए अरा रा रा, जब तक ना ढले, रात जशन कर ले
हाँ थिरक थिरक थिरक थिरक झूम ले
वशमल्ले वशमल्ले वशमल्ले यारा वशमल्ले
आरा रा रा, हुड़दंग मचे...
काज़ी बोले पीना पाप है
लेकिन अपनी तबियत मदिरा छाप है
ना बंधू ना सखा, अपना कौन सगा
इक साकी ही माई बाप है
पी के फन्ने खाँ बन जाएँगे
गाना आता ना हो फिर भी गाएँगे
सुर बेहाल तो क्या
छूटे ताल तो क्या
इतनी भूल चूक माफ़ है
सूरज को डूबने से पहले ही सलाम है
होती पियक्कड़ों की दोपहर भी शाम है
गुस्ताख़ जोश ने ज़रा टंगड़ी जो मार दी
देखो ज़मीं पे होश गिर पड़ा धड़ाम है
अरा रा रा, हुड़दंग मचे...
Music By: अजय-अतुल
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: विशाल ददलानी, सुखविंदर सिंह
रात पौने बारह पे डाल के शरारा
बग़दाद से मंगाई रात है
हाल से मलंगी है, चाल से फिरंगी
शैतान की लुगाई रात है
इसकी अदा में कोहिनूर का जमाल है
शौक़ीन है मिज़ाज से मिया कमाल है
अंगूर के निचोड़ में नहा के आयी है
मौके का फायदा उठा ले फिर भी ताल है
अरा रा रा, हुड़दंग मचे शोर मचे हल्ले
ए अरा रा रा, जब तक ना ढले, रात जशन कर ले
हाँ थिरक थिरक थिरक थिरक झूम ले
वशमल्ले वशमल्ले वशमल्ले यारा वशमल्ले
आरा रा रा, हुड़दंग मचे...
काज़ी बोले पीना पाप है
लेकिन अपनी तबियत मदिरा छाप है
ना बंधू ना सखा, अपना कौन सगा
इक साकी ही माई बाप है
पी के फन्ने खाँ बन जाएँगे
गाना आता ना हो फिर भी गाएँगे
सुर बेहाल तो क्या
छूटे ताल तो क्या
इतनी भूल चूक माफ़ है
सूरज को डूबने से पहले ही सलाम है
होती पियक्कड़ों की दोपहर भी शाम है
गुस्ताख़ जोश ने ज़रा टंगड़ी जो मार दी
देखो ज़मीं पे होश गिर पड़ा धड़ाम है
अरा रा रा, हुड़दंग मचे...
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