Movie/Album: दास देव (2018)
Music By: विपिन पटवा
Lyrics By: डॉ सागर
Performed By: आतिफ़ असलम
ख्वाबों की दुनिया मुकम्मल कहाँ है
जीने की ख्वाहिश में मरना यहाँ है
मंज़िल यही है, यही कारवाँ है
जीने की ख़्वाहिश में मरना यहाँ है
सर पर उठाया है क्यूँ आसमाँ को
अगर बढ़ है जाती तेरी धड़कनें
सहमी है धड़कन, सिहरी है धड़कन
ठहरी है धड़कन, तो क्या हो गया
सहमी है धड़कन...
पुरानी किताबों के पन्ने सभी
गवाही यहाँ देने आ जायेंगे
ख़यालों में यादों के आकर उजाले
सभी दाग़ दिल के मिटा जायेंगे
किसको फिकर है तुम्हारी यहाँ पर
अगर बढ़ है जाती...
ख़ुदा इस जहां से तो बरसों ख़फ़ा है
ग़नीमत है तुमसे तो इंसां है रूठा
दरिया की तरहा ज़माने के आँसू
पलकों से तेरी तो कतरा है छूटा
सर पर उठाया है...
Music By: विपिन पटवा
Lyrics By: डॉ सागर
Performed By: आतिफ़ असलम
ख्वाबों की दुनिया मुकम्मल कहाँ है
जीने की ख्वाहिश में मरना यहाँ है
मंज़िल यही है, यही कारवाँ है
जीने की ख़्वाहिश में मरना यहाँ है
सर पर उठाया है क्यूँ आसमाँ को
अगर बढ़ है जाती तेरी धड़कनें
सहमी है धड़कन, सिहरी है धड़कन
ठहरी है धड़कन, तो क्या हो गया
सहमी है धड़कन...
पुरानी किताबों के पन्ने सभी
गवाही यहाँ देने आ जायेंगे
ख़यालों में यादों के आकर उजाले
सभी दाग़ दिल के मिटा जायेंगे
किसको फिकर है तुम्हारी यहाँ पर
अगर बढ़ है जाती...
ख़ुदा इस जहां से तो बरसों ख़फ़ा है
ग़नीमत है तुमसे तो इंसां है रूठा
दरिया की तरहा ज़माने के आँसू
पलकों से तेरी तो कतरा है छूटा
सर पर उठाया है...
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