Movie/Album: अंदाज़ (2003)
Music By: नदीम-श्रवण
Lyrics By: समीर
Performed By: अल्का याग्निक, कुमार सानू
किसी से तुम प्यार करो
तो फिर इज़हार करो
कहीं ना फिर देर हो जाये
कहीं ना फिर देर हो जाये
किसी पे ऐतबार करो
तो फिर इकरार करो
कहीं ना फिर देर हो जाये
कहीं ना फिर देर हो जाये
यही तो दिल चुराने का अंदाज़ होता है
किसी से तुम...
मोहब्बत का ग़म है, मिले जितना कम है
ये तो ज़माना नहीं जान पायेगा
मेरा जो सनम है, ज़रा बेरहम है
दे के मुझे वो दर्द मुस्कुराएगा
दिल को ऐसे दिलबर पे भी नाज़ होता है
किसी से तुम...
मुबारक समां है, ख़ुशी का जहां है
ये दिन कोई तो नया गुल खिलायेगा
नज़र से बयाँ है, ये वो दास्ताँ है
चाहत को कैसे कोई भी छुपायेगा
आशिकों की आँखों में ये राज़ होता है
किसी से तुम...
Music By: नदीम-श्रवण
Lyrics By: समीर
Performed By: अल्का याग्निक, कुमार सानू
किसी से तुम प्यार करो
तो फिर इज़हार करो
कहीं ना फिर देर हो जाये
कहीं ना फिर देर हो जाये
किसी पे ऐतबार करो
तो फिर इकरार करो
कहीं ना फिर देर हो जाये
कहीं ना फिर देर हो जाये
यही तो दिल चुराने का अंदाज़ होता है
किसी से तुम...
मोहब्बत का ग़म है, मिले जितना कम है
ये तो ज़माना नहीं जान पायेगा
मेरा जो सनम है, ज़रा बेरहम है
दे के मुझे वो दर्द मुस्कुराएगा
दिल को ऐसे दिलबर पे भी नाज़ होता है
किसी से तुम...
मुबारक समां है, ख़ुशी का जहां है
ये दिन कोई तो नया गुल खिलायेगा
नज़र से बयाँ है, ये वो दास्ताँ है
चाहत को कैसे कोई भी छुपायेगा
आशिकों की आँखों में ये राज़ होता है
किसी से तुम...
I like it
ReplyDeleteGood song indeed
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