कलंक (शीर्षक) - Kalank (Arijit Singh, Shilpa Rao, Title)

Movie/Album: कलंक (2019)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: अरिजीत सिंह, शिल्पा राव

हवाओं में बहेंगे, घटाओं में रहेंगे
तू बरखा मेरी, मैं तेरा बादल पिया
जो तेरे ना हुए तो, किसी के ना रहेंगे
दीवानी तू मेरी, मैं तेरा पागल पिया
हज़ारों में किसी को, तक़दीर ऐसी
मिली है इक राँझा, और हीर जैसी
न जाने ये ज़माना
क्यों चाहे रे मिटाना
कलंक नहीं, इश्क है काजल पिया
कलंक नहीं, इश्क है काजल पिया

(पिया, पिया, पिया रे
पिया रे, पिया रे...
पिया रे, पिया रे, पिया रे, पिया रे)

दुनिया की, नज़रों में, ये रोग है
हो जिनको, वो जाने, ये जोग है
इक तरफ़ा, शायद हो, दिल का भरम
दो तरफ़ा, है तो ये, संजोग है
लाई रे हमें ज़िन्दगानी की कहानी
कैसे मोड़ पे
हुए (लागे) रे खुद से (को) पराए
हम किसी से नैना जोड़ के
हज़ारों में किसी को...

मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा
मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा
मैं गहरा तमस, तू सुनहरा सवेरा
मैं तेरा ओ, मैं तेरा
मुसाफ़िर मैं भटका, तू मेरा बसेरा
मैं तेरा ओ, मैं तेरा
तू जुगनू चमकता, मैं जंगल घनेरा
मैं तेरा
ओ पिया, मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा
हो, मैं तेरा...

बोनस ट्रैक
छुपा भी ना सकेंगे, बता भी ना सकेंगे
हुए यूँ तेरे प्यार में पागल पिया
जो तेरे ना हुए तो, किसी के ना रहेंगे
के अब ना किसी और से लागे जिया
हज़ारों में किसी को...

ठोकर पे दुनिया है, घरबार है
दिल में जो दिलबर का दरबार है
सजदे में बैठे हैं जितनी दफ़ा
वो मेरे मन्नत में हर बार है
उसी का अब ले रहे हैं, नाम हम तो
साँसों की जगह
क्यों जाने एक दिन भी लागे
हमको बारह मासों की तरह
जो अपना है सारा, सजनिया पे वारा
न थामे रे किसी और का आँचल पिया
हज़ारों में किसी को...
Print Friendly and PDF

No comments :

Post a Comment

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...