Movie/Album: मरासिम (2000)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: जगजीत सिंह
वो ख़त के पुर्ज़े उड़ा रहा था
हवाओं का रुख दिखा रहा था
कुछ और भी हो गया नुमायाँ
मैं अपना लिक्खा मिटा रहा था
हवाओं का रुख...
उसी का ईमाँ बदल गया है
कभी जो मेरा ख़ुदा रहा था
हवाओं का रुख...
वो एक दिन एक अजनबी को
मेरी कहानी सुना रहा था
हवाओं का रुख...
वो उम्र कम कर रहा था मेरी
मैं साल अपने बढ़ा रहा था
हवाओं का रुख...
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: जगजीत सिंह
वो ख़त के पुर्ज़े उड़ा रहा था
हवाओं का रुख दिखा रहा था
कुछ और भी हो गया नुमायाँ
मैं अपना लिक्खा मिटा रहा था
हवाओं का रुख...
उसी का ईमाँ बदल गया है
कभी जो मेरा ख़ुदा रहा था
हवाओं का रुख...
वो एक दिन एक अजनबी को
मेरी कहानी सुना रहा था
हवाओं का रुख...
वो उम्र कम कर रहा था मेरी
मैं साल अपने बढ़ा रहा था
हवाओं का रुख...
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