Movie/Album: मुझे जीने दो (1963)
Music By: जयदेव
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
रूह गंगा की
हिमाला का बदन आज़ाद है
खेतियाँ सोना उगाएँ, वादियाँ मोती लुटाएँ
आज गौतम की ज़मीं, तुलसी का बन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना...
मंदिरों में शंख बाजे, मस्जिदों में हो अज़ान
शैख़ का धर्म और दीन-ए-बरहमन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना...
लूट कैसी भी हो अब इस देश में रहने न पाए
आज सब के वास्ते धरती का धन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना...
Music By: जयदेव
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
अब कोई गुलशन ना उजड़े
अब वतन आज़ाद है
रूह गंगा की
हिमाला का बदन आज़ाद है
खेतियाँ सोना उगाएँ, वादियाँ मोती लुटाएँ
आज गौतम की ज़मीं, तुलसी का बन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना...
मंदिरों में शंख बाजे, मस्जिदों में हो अज़ान
शैख़ का धर्म और दीन-ए-बरहमन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना...
लूट कैसी भी हो अब इस देश में रहने न पाए
आज सब के वास्ते धरती का धन आज़ाद है
अब कोई गुलशन ना...
Amazing work and nicely written.
ReplyDeleteacoustic lyrics