Movie/Album: नो वन किल्ड जेसिका (2011)
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: विशाल ददलानी, रोबर्ट बोबोमुलो
गुलज़ार ज़ार हुआ ऐतबार
टुकड़े हज़ार हुआ ऐतबार
हुआ शर्मसार खुद से ही हार कर के
क्यूँ तार-तार हुआ ऐतबार
झूठा ख़ुमार हुआ ऐतबार
सीने में यार चुभता गुबार बन के
दिल ऐतबार कर के
रो रहा है ऐतबार ऐतबार
ऐतबार ऐतबार कर के
रो रहा है ऐतबार कर के
दिल ऐतबार कर के
हो रहा है ऐतबार ऐतबार
ऐतबार ऐतबार कर के
रो रहा है ऐतबार कर के
डर का शिकार हुआ ऐतबार
दिल में दरार हुआ ऐतबार
करे चीत्कार बाहें पसार कर के
नश्तर की धार हुआ ऐतबार
पसली के पार हुआ ऐतबार
चूसे हैं खून बड़ा खूनखार बन के
झुलसी हुई इस रूह के
चीथड़े पड़े बिखरे हुए
उधड़ी हुई उम्मीद है ओ
रौंदे जिन्हें क़दमों तले
बड़ी बेरहम रफ़्तार ये
बेजान-सी इस भीड़ की ओ
जल-भुन के राख हुआ ऐतबार
गन्दा मज़ाक हुआ ऐतबार
चिढ़ता है, कुढ़ता है, सड़ता है रातों में
झल्ली-सा चाख हुआ ऐतबार
रस्ते की ख़ाक हुआ ऐतबार
गलत है, पिघलता है, खलता है रातों में
दिल ऐतबार कर के...
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