Music By: हर्षित सक्सेना
Lyrics By : समीर
Performed By: हर्षित सक्सेना, भूमि त्रिवेदी
ना दुनिया माँगी है, ना जन्नत माँगी है
दिल ने तुझे पाने की, बस मन्नत माँगी है
ना दुनिया माँगी है...
बरसों से जिसे मैंने, पलकों में बसाया था
चुप-चाप जिसे मैंने, धड़कन में छुपाया था
जो ख़्वाब सुनहरा था, वो तेरा चेहरा था
जुड़ जाएँ जो तुझसे, वो किस्मत माँगी है
ना दुनिया माँगी है...
सूनेपन में अक्सर, तेरी आहट सुनता हूँ
गुमसुम तन्हाई में, तेरे ख़्वाब मैं बुनता हूँ
अब तुझको पाना है, कहीं दूर न जाना है
जो संग तेरे गुज़रे, वो फ़ुरसत माँगी हैं
ना दुनिया माँगी है...
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