Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: सिद्धार्थ महादेवन
बात बात पे कह देते हैं, नोक-झोंक
बस नोक-झोंक, बस नोक-झोंक
बात बात पे शह देते हैं, नोक-झोंक
बस नोक-झोंक, बस नोक-झोंक
पल पल चोंचे मारते रहना
चुभती है पर हँसते रहना
तागों में कोई गिरह नहीं
पर बातों में फँसते रहना
नोक-झोंक, बस नोक-झोंक
बस नोक-झोंक...
कितना कुछ तो कह लेते हैं
लेकिन कुछ भी सुना नहीं है
बोलती ही रहती हैं आँखें
कहना है जो कहा नहीं है
कहा नहीं है
सीधे-सीधे रास्ते
रूठे-रूठे लगते हैं
कहना है जो, कहा नहीं है
कहा नहीं है
नोक-झोंक, बस नोक-झोंक...
एक ही दर्द की छाँव तले
कौन थे वो जो गले मिले
उनमें कोई अजनबी था क्या
साथ-साथ जो साथ चले
कितना कुछ तो कह ही दिया है
काफी कुछ अब सुन भी लिया है
बोलने दो आँखों को आगे
बाकी है कुछ
बाकी है कुछ, कहा नहीं है
कहा नहीं है
रूठे-रूठे रास्ते
नए-नए से लगते हैं
बाकी है कुछ...
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