Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: रुस्तम सहगल वफ़ा
Performed By: जगजीत सिंह
तेरे निसार साक़िया
जितनी पियूँ, पिलाए जा
मस्त नज़र का वास्ता
मस्त मुझे बनाए जा
तेरे निसार साक़िया...
तुझ को किसी से ग़र्ज़ क्या
बिजली कहीं गिराए जा
दिल जले या जिगर जले
तू यूँ ही मुस्कुराए जा
तेरे निसार साक़िया...
सामने मेरे आ के देख
रुख़ से नक़ाब हटा के देख
ख़िरमन-ए-दिल है मुन्तज़िर
बर्क़-ए-नज़र गिराए जा
तेरे निसार साक़िया...
वफ़ा-ए-बदनसीब को
बख़्शा है तूने दर्द जो
है कोई इसकी भी दवा
इतना ज़रा बताये जा
तेरे निसार साक़िया...
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