Music By: घनी मोहम्मद, अली
Lyrics By: हस्तीमल "हस्ती"
Performed By: पंकज उदास
साया बन कर साथ चलेंगे
इसके भरोसे मत रहना
अपने हमेशा अपने रहेंगे
इसके भरोसे मत रहना
साया बन कर साथ चलेंगे...
सावन का महीना आते ही
बादल तो छा जाएँगे
हर हाल में लेकिन बरसेंगे
इसके भरोसे मत रहना
साया बन कर साथ चलेंगे...
सूरज की मानिंद सफ़र पे
रोज़ निकलना पड़ता है
बैठे-बैठे दिन बदलेंगे
इसके भरोसे मत रहना
साया बन कर साथ चलेंगे...
बहती नदी में कच्चे घड़े हैं
रिश्ते, नाते, हुस्न, वफ़ा
दूर तलक ये बहते रहेंगे
इसके भरोसे मत रहना
साया बन कर साथ चलेंगे...
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