Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: आशा भोंसले
दो नैनन से मिलन को
दो नैना अकुलाएँ
जब नैना हो सामने
तो नैना झुक जाएँ
ओ पंछी प्यारे, सांझ सकारे
बोले तू कौन सी बोली, बता रे
बोले तू कौन सी बोली
ओ पंछी प्यारे...
मैं तो पंछी, पिंजरे की मैना
पंख मेरे बेकार
बीच हमारे सात रे सागर
कैसे चलूँ उस पार
कैसे चलूँ उस पार
ओ पंछी प्यारे...
फागुन महीना फूली बगिया
आम झरे अमराई
मैं खिड़की से चुप-चुप देखूँ
ऋतु बसंत की आई
ऋतु बसंत की आई
ओ पंछी प्यारे...
क्या ही बेहतरीन गाना है !
ReplyDeleteएक एक शब्द अंतरमन को तृप्त कर देते है