Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: दिव्यांशु मल्होत्रा
Performed By: शिवम महादेवन, जोनिता गाँधी
तू सब्र का सामान
मैं वायरल हुई ज़ुबान
फिर भी हम दोनों फँस गए यहाँ
तू सब्र का सामान
मैं वायरल हुई ज़ुबान
फिर भी हम दोनों फँस गए यहाँ
ये मीम से होती बातें
ये विडियो कॉलिंग रातें
हमको देखो हो गया ये क्या
सब अच्छा लग रहा है
ये कच्चा लग रहा है
हम तुम कब तक जियेंगे ये जहां
सेल्फ़ीज़ में लगते प्यारे
पर खुद को खुद से हारे
क्यूँ अपनी लाइफ से खेले
जैसे कोई जानू शोना
सजन बिन आए ना, मोहे निंदिया
रैन भर आए रे, जागे रतिया
काहे तो मोहे सजण बिना रे, दिखे ये नज़ारे
माने न अपनी अखियाँ
सजन बिन आए ना, मोहे निंदिया
तू राग सा महान
मैं बीट सी जवान
फिर भी हम दोनों फँस गए यहाँ
तू राग सा महान
मैं बीट सी जवान
फिर भी हम दोनों फँस गए यहाँ
इक दूजे की बजाना जाना
इक दूजे को हँसाना
ऐसा हमने कर दिया है क्या
क्या खाना तुमने खाया
सुबह उठ के नहाया
ये सब कोई पूछता है क्या
मेरे सपने ना तुम्हारे
खुद के ही हैं इतने सारे
स्टेटस ये कैसे कह दें
बस कन्फ्यूज़न ही है यहाँ
सजन बिन आए ना...
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