Music By: किंग्शुक चक्रवर्ती
Lyrics By: अभिषेक शर्मा
Performed By: सैंज वी, चिन्मयी त्रिपाठी
सूरज पे मंगल भारी
ये कैसी नयी बीमारी
सूरज पे मंगल भारी
ये कैसी नयी बीमारी
इससे बचने का नहीं कोई भी सीन है
(कोई भी सीन है, कोई भी सीन है)
कोई नहीं बचेगा कहला रे भाऊ
दोनों पगले हैं प्राणी
दोनों पगले हैं प्राणी
सुन लो क्या कहते हैं ज्ञानी
दोनों पगले हैं प्राणी
सुन लो क्या कहते हैं ज्ञानी
इनका तो स्टेटस परमानेंट क्वारंटीन है
(परमानेंट क्वारंटीन है)
क्वारंटीन में बेटा
सूरज पे मंगल भारी...
कुत्ते बिल्ली का बैर है इनका
जनम-जनम का पंगा है
इक दूजे का पैर खींचें
हमाम में हर कोई नंगा है
नंगा है भई नंगा है
हमाम में हर कोई नंगा है
सूरज का गुस्सा शामत है
मंगल की चाल कयामत है
सूरज का गुस्सा शामत है
मंगल की चाल कयामत है
रोक सको तो रोको इनको
अरे रोक सको तो रोको इनको
वरना दुनिया पे
आफ़त है आफ़त है आफ़त है
दोनों पगले हैं प्राणी...
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