Music By: नीलोत्पाल बोरा
Lyrics By: अविनाश चौहान
Performed By: नीलोत्पाल बोरा
दिल में जो चुभते थे
रहते थे दुबके से गाने लगे
पलकों की खिड़की पे
अरमाँ वो चुपके से आने लगे
परों को हवा दे
कांधों को शबाशी देकर चल पड़े
दे मौका ज़िंदगी
इम्तेहानों से न हम डरें
दे मौका ज़िंदगी
खुले आसमाँ में हम चलें
दे मौका ज़िन्दगी
इम्तेहानों से न हम डरें
दे मौका ज़िन्दगी
खुले आसमाँ में हम चलें
बीते हुए कल से मिले
शिकवे सभी हम भुला
ऐसे लगे फिर से गले
जैसे कभी थे ना गिले
फिर से दिए मुस्कुरा
दे मौका जिन्दगी...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...