Music By: रोचक कोहली, अनु मलिक
Lyrics By: क़तील शिफ़ाई, रश्मि विराग
Performed By: जुबिन नौटियाल
किसी शायर का दिल बन के
बरसाती हैं बूँदें तुम पे
नज़ारा उफ़ क्या होता है
गुज़रती हैं जब जुल्फों से
दूर कहीं अब जाओ ना तुम
सुन सुन सुन बरसात की धुन, सुन
सुन सुन सुन बरसात की धुन, सुन
दिल में यही इक ग़म रहता है
साथ मेरे तू कम रहता है
हाँ, दिल में यही इक ग़म रहता है
साथ मेरे तू कम रहता है
छोड़ के अभी जाओ ना तुम
सुन सुन सुन बरसात की धुन, सुन
हो, धीरे-धीरे हौले-हौले
भिगा देंगी ये बरसातें
जाने कहाँ फिर मिलेंगी
हमें ऐसी मुलाकातें
संभालूँ कैसे मैं दिल को
दीवाना चाहे बस तुम को
ख्वाहिशों में ही जल रहा हूँ
मैं यहाँ
वो पहली सी बारिश बन के
बरस जाओ ना तुम हम पे
हवा का रुख़ बदल जाए
मोहब्बत करना तुम ऐसे
ख्वाब मेरा ये तोड़ो न तुम
जिस्मों पे बरसती बारिश
ने रूह बिगाड़ी है
इस मौसम की साजिश ने
ये नींदें उड़ा दी है
वैसे तो डूबाने को बस
इक बूँद ही काफी है
सोचो तो ज़रा क्या होगा
अभी रात ये बाकी है
साथ मेरे बह जाओ ना तुम
सुन सुन बरसात की धुन...
बिजली चमकी लिपट गए हम
बादल गरजा सिमट गए हम
बिजली चमकी लिपट गए हम
बादल गरजा सिमट गए हम
होश भी हो जाने दो गुम
सुन सुन बरसात की धुन...
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