Music By: रोचक कोहली
Lyrics By: कुमार
Performed By: नवराज हंस, रोचक कोहली
चारों पासे तेरे हनेरा
मीलों दूर सवेरा रे
कीवें पार करेगा काळे काळे रास्ते
ओ तेरे अंदर डरदा डेरा
इक बात जाण ले राहिया
तुझको है खुद से लड़ना
तेरे अग्गे पिच्छे न कोई
तुझे खुद से आगे बढ़ना
इक बात जान ले राहिया...
तूने ताना है आग को
चीर के जाना है
सपने तेरे चोंच मुसाफिर
मंज़िल दाना है
मिट्टी पे गिरते रहें
मिट्टी पे गिरते रहें
कतरे तेरे पसीने के
ठोंक दे किल्ली, ठोंक दे किल्ली
आसमान के सीने पे
ठोंक दे किल्ली, ठोंक दे किल्ली
आसमान के सीने पे
ठोंक दे किल्ली, ठोंक दे किल्ली
आसमान के सीने पे
ठोंक दे किल्ली, ठोंक दे किल्ली
आसमान के सीने पे
चलता जा तू चलता जा
धूप छाँव में ढलता जा
(राहिया ओ)
चलता जा तू चलता जा
धूप छाँव में ढलता जा
दिक्कत तेरी चींटी जैसी
पैरों तले मसलता जा
जाना है तुझको दूर
किस्मत को कर मजबूर
राहों में जो भी पत्थर हैं
उन्हें करता जा तू चूर चूर
तूने ठाना है
आसमानों को पाना है
चाँद पे तेरी ज़मीं मुसाफिर
वही ठिकाना है
हवा पे रख ले पैरों को
हवा पे रख ले पैरों को
रस्ते यही हैं जीने के
ठोंक दे किल्ली...
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