Music By: हरिहरन
Lyrics By: ताहिर फ़राज़
Performed By: हरिहरन
अक्स चेहरे पे आफ़ताब का है
किस इलाके में घर जनाब का है
अक्स चेहरे पे...
जिस ज़माने में मैं हुआ पागल
वो ज़माना तेरे शबाब का है
अक्स चेहरे पे...
मेरी नज़रें भी हैं कुछ आवारा
कुछ इशारा तेरी नक़ाब का है
अक्स चेहरे पे...
तूने अच्छा किया कि दिल तोड़ा
ये ज़माना ही इन्क़लाब का है
अक्स चेहरे पे...
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