Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: कौसर मुनीर
Performed By: सुनिधि चौहान
अभी-अभी आँखों ने सीखा मटकना
अभी-अभी दाँतों ने सीखा चमकना
लगता है जैसा अभी-अभी इस दिल ने
सीखा दिल से हँसना
अभी-अभी बालों ने सीखा है खुलना
अभी-अभी दागों ने सीखा है धुलना
लगता है जैसा अभी-अभी इस दिल ने
सीखा दिल से हँसना
गुदगुदी-गुदगुदी करने लगी खिड़कियाँ
गुदगुदी-गुदगुदी करने लगी कुर्सियाँ
गुदगुदी-गुदगुदी करने लगा है हर नज़ारा
गुदगुदी-गुदगुदी करने लगी तितलियाँ
गुदगुदी-गुदगुदी करने लगी चिड़ियाँ
गुदगुदी-गुदगुदी करने लगा है हर नज़ारा
सरफिरी ज़िन्दगी देखो कैसे सताए
बैठे-बैठे रुलाए कभी दिल दुखाए
हैं मगर धड़कनें मनचली क्या बताएँ
छोटी-छोटी सी बातों पे खिलके हँसाए
हा हा हा हा
अभी-अभी खुशियों ने सीखा छलकना
अभी-अभी सीखा कमर ने लचकना
लगता है जैसे अभी-अभी इस दिल ने
सीखा दिल से हँसना
गुदगुदी-गुदगुदी करने लगी बिंदियाँ
गुदगुदी-गुदगुदी करने लगी चोटियाँ
गुदगुदी-गुदगुदी करने लगा है हर नज़ारा
गुदगुदी-गुदगुदी करने लगी सब्ज़ियाँ
गुदगुदी-गुदगुदी करने लगी रोटियाँ
गुदगुदी-गुदगुदी करने लगा है हर नज़ारा
गुदगुदी-गुदगुदी...
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