Music By: जॉली मुखर्जी
Lyrics By: मुशीर झुंझानवी
Performed By: हरिहरन
जब वो मेरे क़रीब से हॅंस कर गुज़र गए
कुछ ख़ास दोस्तों के भी चेहरे उतर गए
जब वो मेरे क़रीब से...
अफ़सोस डूबने की तमन्ना ही रह गई
तूफ़ान ज़िन्दगी में जो आए गुज़र गए
कुछ ख़ास...
हालाँकि उनको देख कर पलटी ही थी नज़र
महसूस ये हुआ के ज़माने गुज़र गए
कुछ ख़ास...
कोई हमें बताए के हम क्या जवाब दें
मंज़िल ये पूछती है के साथी किधर गए
कुछ ख़ास...
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