Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: जगजीत सिंह
नज़र उठाओ ज़रा तुम तो कायनात चले
है इंतज़ार के ऑंखों से कोई बात चले
नज़र उठाओ ज़रा...
तुम्हारी मर्ज़ी बिना वक़्त भी अपाहज है
न दिन खिसकता है आगे, न आगे रात चले
है इंतज़ार के...
न जाने ऊॅंगली छुड़ा कर निकल गया है किधर
बहुत कहा था ज़माने से साथ-साथ चले
है इंतज़ार के...
किसी भिखारी का टूटा हुआ कटोरा है
गले में डाले उसे आसमाॅं पे रात चले
है इंतज़ार के...
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