Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: अरिजीत सिंह, श्रेया घोषाल
बेरंगे थे दिन, बेरंगी शामें
आई है तुमसे रंगिनियाँ
फीके थे लम्हें, जीने में सारे
आई है तुमसे नमकीनियाँ
बे इरादा रास्तों की
बन गए हो मंज़िलें
मुश्किलें हल हैं तुम्हीं से
या तुम्हीं हो मुश्किलें
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
हम न रहे हम, तुम क्या मिले
जैसे मेरे दिल में खिले
ख्वाब के मौसम
तुम क्या मिले...
कोरे कागज़ों की ही तरह है
इश्क़ बिना जवानियाँ
दर्ज हुई है शायरी में
जिनकी है प्रेम कहानियाँ
हम ज़माने की निगाहों में
कभी गुमनाम थे
अपने चर्चे कर रही हैं
अब शहर की महफ़िलें
तुम क्या मिले...
हम थे रोज़मर्रा के
एक तरह के कितने सवालों में उलझे
उनके जवाबों के जैसे मिले
झरने ठण्डे पानी के हो रवानी में
ऊँचे पहाड़ों से बह के
ठहरे तालाबों से जैसे मिले
तुम क्या मिले...
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