Music By: हरिहरन
Lyrics By: ज़फ़र कलीम
Performed By: हरिहरन
कोई पत्ता हिले हवा तो चले
कौन अपना है ये पता तो चले
कोई पत्ता हिले...
तू सितम से खींच हाथ अभी
और कुछ दिन ये सिलसिला तो चले
कौन अपना है...
मंज़िलें ख़ुद क़रीब आएँगी
ऐ अज़ीज़ान-ओ-काफ़िला तो चले
कौन अपना है...
शहर हो गाँव हो या घर अपना
आब-ओ-दाना ही उठ गया तो चले
कौन अपना है...
हर किसी से मिला करो कि 'ज़फ़र'
कौन कैसा है, कुछ पता तो चले
कौन अपना है...
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