Music By: जॉली मुखर्जी
Lyrics By: क़ैसर उल जाफ़री
Performed By: हरिहरन
मुद्दतों बाद वो सूरत जो दिखाई दी है
दिल की धड़कन मुझे आँखों से सुनाई दी है
मुद्दतों बाद वो सूरत...
शाम से जाग रही है वो निदासी आँखें
डूबते चाँद ने खिड़की से बधाई दी है
दिल की धड़कन...
उस जनम में भी मुलाक़ात की उम्मीद नहीं
इस जनम ने तो जनम भर की जुदाई दी है
दिल की धड़कन...
हमने पहले भी ये ख़्वाबों का सफ़र देखा है
धूप इतनी थी कि सहरा ने दुहाई दी है
दिल की धड़कन...
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