Music By: शंकर एहसान लॉय
Lyrics By: प्रसून जोशी
Performed By: सिद्धार्थ महादेवन
ज़िन्दा है तो
प्याला पूरा भर ले
कंचा फूटे
चूरा काँच कर ले
ज़िन्दगी का ये घड़ा ले
एक साँस में चढ़ा ले
हिचकियों में क्या है मरना
पूरा मर ले
कोयला काला है
चट्टानों ने पाला
अंदर काला बाहर काला
पर सच्चा है साला
कोयला काला है
चट्टानों ने पाला है
अंदर काला बाहर काला
पर सच्चा है साला
ज़िंदा है तो
प्याला पूरा भर ले
कंचा फूटे
चूरा काँच कर ले
उलझे क्यूँ पैरों में ये ख्वाब
क़दमों से रेशम खींच दे
पीछे कुछ न आगे का हिसाब
इस पल की क्यारी सींच दे
आग ज़ुबान पे रख दे
फिर चोट के होंठ भी गाएँगे
घाव गुनगुनाएँगे
तेरे दर्द गीत बन जाएँगे
ज़िन्दा है तो
प्याला पूरा भर ले
कंचा फूटे
चूरा काँच कर ले
ज़िन्दगी का ये घड़ा ले
एक साँस में चढ़ा ले
हिचकियों में क्या है मरना
पूरा मर ले
कोयला काला है
चट्टानों ने पाला है
अंदर काला बाहर काला
पर सच्चा है साला...
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