Movie/Album: झूमो रे (2007)
Music By: परेश/नरेश कामथ
Lyrics By: कैलाश खेर
Performed By: कैलाश खेर
हीरे मोती मैं ना चाहूँ
मैं तो चाहूँ संगम तेरा
मैं तो तेरी, सैयां
तू है मेरा, सैयां
तू जो, छू ले, प्यार से
आराम से मर जाऊँ
आजा, चंदा, बाहों में
तुझमें ही गुम हो जाऊँ
मैं, तेरे नाम में खो जाऊँ
सैयां...
मेरे दिन खुशी से झूमें, गायें रातें
पल-पल मुझे डुबाए जाते-जाते
तुझे जीत-जीत हारूँ
ये प्राण-प्राण वारूँ
हाय ऐसे मैं निहारूँ
तेरी आरती उतारूँ
तेरे नाम से जुड़े है सारे नाते
सैयां...
बन के माला प्रेम की
तेरे तन पे झर-झर जाऊँ
बैठूँ नैया प्रीत की
संसार से तर जाऊँ
तेरे प्यार से तर जाऊँ
सैयां...
ये नरम-नरम नशा है, बढ़ता जाए
कोई प्यार से घुंघटिया, देता उठाये
अब बावरा हुआ मन
जग हो गया है रोशन
ये नयी-नयी सुहागन
हो गयी है तेरी जोगन
कोई प्रेम की पुजारन मन्दिर सजाये
सैयां...
हीरे मोती मैं ना चाहूँ
मैं तो चाहूँ संगम तेरा
मैं ना जानूँ, तू ही जाने
मैं तो तेरी, तू है मेरा
मैं तो तेरी, तू है मेरा...
Music By: परेश/नरेश कामथ
Lyrics By: कैलाश खेर
Performed By: कैलाश खेर
हीरे मोती मैं ना चाहूँ
मैं तो चाहूँ संगम तेरा
मैं तो तेरी, सैयां
तू है मेरा, सैयां
तू जो, छू ले, प्यार से
आराम से मर जाऊँ
आजा, चंदा, बाहों में
तुझमें ही गुम हो जाऊँ
मैं, तेरे नाम में खो जाऊँ
सैयां...
मेरे दिन खुशी से झूमें, गायें रातें
पल-पल मुझे डुबाए जाते-जाते
तुझे जीत-जीत हारूँ
ये प्राण-प्राण वारूँ
हाय ऐसे मैं निहारूँ
तेरी आरती उतारूँ
तेरे नाम से जुड़े है सारे नाते
सैयां...
बन के माला प्रेम की
तेरे तन पे झर-झर जाऊँ
बैठूँ नैया प्रीत की
संसार से तर जाऊँ
तेरे प्यार से तर जाऊँ
सैयां...
ये नरम-नरम नशा है, बढ़ता जाए
कोई प्यार से घुंघटिया, देता उठाये
अब बावरा हुआ मन
जग हो गया है रोशन
ये नयी-नयी सुहागन
हो गयी है तेरी जोगन
कोई प्रेम की पुजारन मन्दिर सजाये
सैयां...
हीरे मोती मैं ना चाहूँ
मैं तो चाहूँ संगम तेरा
मैं ना जानूँ, तू ही जाने
मैं तो तेरी, तू है मेरा
मैं तो तेरी, तू है मेरा...
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ReplyDeleteराह बुहारू, पग पखारूँ, तमे निहारूं जी ...
प्राण वारूँ, बैयाँ डारु, मै न हारूं जी...
ऐ जी मारे चतर सुजान..., ली जो पहचान,
ताहे... भरमाओ जी !
आहो जी, आहो जी, आहो जी ....
आहो जी, आहो जी, आहो जी .... - २
चान्दन में ........ मै तकु री .......
तेरा सोना.... मुखड़ा, प्यारा प्यारा मुखड़ा....
आचल में.........मैं रखु री....
चंदा का टुकड़ा! ऐ जी प्यारा मुखड़ा..
तू धरे जो पांव तो,... मुस्काए ये धरती,
ओ जी म्हारी विनती सुन लो आन, ली जो पहचान!
हमें न सताओ जी,
आहो जी, आहो जी, आहो जी ....
सरपट से सुना सुना , कैसा मीठा सा जहर,
ऐ जी मीठा सा लहर
दर्द बढे दूना दूना......, उठे हिया में लहर,
उठे हिरदय में लहर...
मै करूँ श्रृंगार तोह मुस्काए ये दर्पण, सैयां.....सैयां.....
ओजी उचें चढ़ के दे ऊं अजान, बनू अनजान, पर्दा हटाऊ जी
आहो जी, आहो जी, आहो जी .... - ४
राह बुहारू, पग पखारूँ, तमे निहारूं जी ...
प्राण वारूँ, बैयाँ डारु, मै न हारूं जी...
आहो जी, आहो जी, आहो जी ....
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