Movie/Album: दुलारी (1949)
Music By: नौशाद
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: मो.रफी
सुहानी रात ढल चुकी, ना जाने तुम कब आओगे
जहां की रुत बदल चुकी, ना जाने तुम कब आओगे
नज़ारे अपनी मस्तियाँ, दिखा-दिखा के सो गये
सितारे अपनी रोशनी, लुटा-लुटा के सो गये
हर एक शम्मा जल चुकी, ना जाने तुम कब आओगे
सुहानी रात ढल...
तड़प रहे हैं हम यहाँ, तुम्हारे इंतज़ार में
खिजां का रंग, आ-चला है, मौसम-ए-बहार में
हवा भी रुख बदल चुकी, ना जाने तुम कब आओगे
सुहानी रात ढल...
Music By: नौशाद
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: मो.रफी
सुहानी रात ढल चुकी, ना जाने तुम कब आओगे
जहां की रुत बदल चुकी, ना जाने तुम कब आओगे
नज़ारे अपनी मस्तियाँ, दिखा-दिखा के सो गये
सितारे अपनी रोशनी, लुटा-लुटा के सो गये
हर एक शम्मा जल चुकी, ना जाने तुम कब आओगे
सुहानी रात ढल...
तड़प रहे हैं हम यहाँ, तुम्हारे इंतज़ार में
खिजां का रंग, आ-चला है, मौसम-ए-बहार में
हवा भी रुख बदल चुकी, ना जाने तुम कब आओगे
सुहानी रात ढल...
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