Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: जगजीत सिंह
होंठों से छू लो तुम
मेरा गीत अमर कर दो
बन जाओ मीत मेरे
मेरी प्रीत अमर कर दो
ना उम्र की सीमा हो
ना जन्म का हो बंधन
जब प्यार करे कोई
तो देखे केवल मन
नयी रीत चलाकर तुम
ये रीत अमर कर दो
होंठों से छू लो तुम...
आकाश का सूनापन
मेरे तनहा मन में
पायल छनकाती तुम
आ जाओ जीवन में
सांसें देकर अपनी
संगीत अमर कर दो
होंठों से छू लो तुम...
जग ने छीना मुझसे
मुझे जो भी लगा प्यारा
सब जीता किये मुझसे
मैं हरदम ही हारा
तुम हार के दिल अपना
मेरी जीत अमर कर दो
होंठों से छू लो तुम...
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