Movie/Album: वो लम्हें (2006)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: फ़याज़ हाशमी
Performed By: ग्लेन जॉन
तू जो नहीं हैं तो कुछ भी नहीं है
ये माना की महफ़िल जवान है हसीं हैं
मुझे फिर तबाह कर, मुझे फिर रुला जा
सितम करने वाले, कहीं से तू आ जा
आँखों में तेरी ही, सूरत बसी है
तेरी ही तरह तेरा गम भी हंसी है
तू जो नहीं...
समझ में न आये, ये क्या माजरा है
तुझे पा के दिल में ये खाली सा क्या है
क्यूँ हर वक़्त दिल में कोई बेकली है
क्यूँ हर वक़्त सीने में रहती कमी है
तू जो नहीं...
जिधर भी ये देखें, जहां भी ये जाएँ
तुझे ढूंढती है, ये पागल निगाहें
मैं जिंदा हूँ लेकिन, कहाँ ज़िन्दगी है
मेरी ज़िन्दगी तू कहाँ खो गयी है
तू जो नहीं...
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: फ़याज़ हाशमी
Performed By: ग्लेन जॉन
तू जो नहीं हैं तो कुछ भी नहीं है
ये माना की महफ़िल जवान है हसीं हैं
मुझे फिर तबाह कर, मुझे फिर रुला जा
सितम करने वाले, कहीं से तू आ जा
आँखों में तेरी ही, सूरत बसी है
तेरी ही तरह तेरा गम भी हंसी है
तू जो नहीं...
समझ में न आये, ये क्या माजरा है
तुझे पा के दिल में ये खाली सा क्या है
क्यूँ हर वक़्त दिल में कोई बेकली है
क्यूँ हर वक़्त सीने में रहती कमी है
तू जो नहीं...
जिधर भी ये देखें, जहां भी ये जाएँ
तुझे ढूंढती है, ये पागल निगाहें
मैं जिंदा हूँ लेकिन, कहाँ ज़िन्दगी है
मेरी ज़िन्दगी तू कहाँ खो गयी है
तू जो नहीं...
this is not the orignal.
ReplyDeleteOrignal song/ghazal in pakistani movie savera (1959) .sung by s b jhone....