Movie/Album: दस्तक (1970)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: लता मंगेशकर, मदन मोहन
माई री मैं कासे कहूँ पीर अपने जिया की
माई री...
पी की डगर मैं बैठे मैला हुआ री मेरा आंचरा
मुखड़ा है फीका-फीका नैनों में सोहे नहीं काजरा
कोई जो देखे वैया प्रीत का वासे कहूँ माजरा
पी की डगर मैं बैठे मैला हुआ री मेरा आंचरा
लट में पड़ी कैसी बिरहा की माटी
माई री मैं कासे...
आँखों में चलते फिरते रोज़ मिले पिया बावरे
बैयाँ की छैयां आके मिलते नहीं कभी सांवरे
दुःख ये मिलन का लेके काह करूँ कहाँ जाऊं रे
आँखों में चलते फिरते रोज़ मिले पिया बावरे
पाकर भी नहीं उनको मैं पाती
माई री मैं कासे...
ओस नयन की उनके मेरी लगी को बुझाए ना
तन मन भीगो दे आके ऐसी घटा कोई छाये ना
मोहे बहा ले जाए ऎसी लहर कोई आये ना
ओस नयन की उनके मेरी लगी को बुझाए ना
पड़ी नदिया के किनारे मैं प्यासी
माई री मैं कासे...
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: लता मंगेशकर, मदन मोहन
माई री मैं कासे कहूँ पीर अपने जिया की
माई री...
पी की डगर मैं बैठे मैला हुआ री मेरा आंचरा
मुखड़ा है फीका-फीका नैनों में सोहे नहीं काजरा
कोई जो देखे वैया प्रीत का वासे कहूँ माजरा
पी की डगर मैं बैठे मैला हुआ री मेरा आंचरा
लट में पड़ी कैसी बिरहा की माटी
माई री मैं कासे...
आँखों में चलते फिरते रोज़ मिले पिया बावरे
बैयाँ की छैयां आके मिलते नहीं कभी सांवरे
दुःख ये मिलन का लेके काह करूँ कहाँ जाऊं रे
आँखों में चलते फिरते रोज़ मिले पिया बावरे
पाकर भी नहीं उनको मैं पाती
माई री मैं कासे...
ओस नयन की उनके मेरी लगी को बुझाए ना
तन मन भीगो दे आके ऐसी घटा कोई छाये ना
मोहे बहा ले जाए ऎसी लहर कोई आये ना
ओस नयन की उनके मेरी लगी को बुझाए ना
पड़ी नदिया के किनारे मैं प्यासी
माई री मैं कासे...
यह गीत मुझे बहुत पसंद है.
ReplyDeleteमदन मोहन साहब ने काफी कम गाने गाये हैं और यह गाना उन्हीं कुछ में से एक है..
ReplyDeleteऐसे संगीत निर्देशक अब वापस आने मुश्किल ही नहीं.. नामुमकिन है..
उनको श्रद्धांजलि..