Music By: कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By: कमर जलालाबादी
Performed By: मुकेश
मैं तो एक ख्वाब हूँ
इस ख्वाब से तू प्यार न कर
प्यार हो जाए तो
फिर प्यार का इज़हार न कर
ये हवाएँ कभी चुपचाप चली जाएँगी
लौट के फिर कभी गुलशन में नहीं आएँगी
अपने हाथों में हवाओं को गरिफ्तार न कर
मैं तो एक ख्वाब हूँ...
तेरे दिल में है मोहब्बत के भड़कते शोले
अपने सीने में छुपा ले ये धड़कते शोले
इस तरह प्यार को रुसवा सर-ए-बाज़ार न कर
मैं तो एक ख्वाब हूँ...
शाख से टूट के गूंचे भी कहीं खिलते हैं
रात और दिन भी ज़माने में कहीं मिलते हैं
भूल जा, जाने दे, तकदीर से, तकरार न कर
मैं तो एक ख्वाब हूँ...
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