Movie/Album: मधुमति (1958)
Music By: सलील चौधरी
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मुकेश
सुहाना सफ़र और ये मौसम हसीं
हमें डर है हम खो न जाएँ कहीं
ये कौन हँसता है फूलों में छुपकर
बहार बेचैन है किसकी धुन पर
कहीं गुनगुन, कहीं रुनझुन, कि जैसे नाचे ज़मीं
सुहाना सफ़र...
ये गोरी नदियों का चलना उछलकर
के जैसे अल्हड़ चले पी से मिलकर
प्यारे-प्यारे ये नज़ारे निखार है हर कहीं
सुहाना सफ़र...
वो आसमां झुक रहा है ज़मीं पर
ये मिलन हमने देखा यहीं पर
मेरी दुनिया, मेरे सपने, मिलेंगे शायद यहीं
सुहाना सफ़र...
Music By: सलील चौधरी
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मुकेश
सुहाना सफ़र और ये मौसम हसीं
हमें डर है हम खो न जाएँ कहीं
ये कौन हँसता है फूलों में छुपकर
बहार बेचैन है किसकी धुन पर
कहीं गुनगुन, कहीं रुनझुन, कि जैसे नाचे ज़मीं
सुहाना सफ़र...
ये गोरी नदियों का चलना उछलकर
के जैसे अल्हड़ चले पी से मिलकर
प्यारे-प्यारे ये नज़ारे निखार है हर कहीं
सुहाना सफ़र...
वो आसमां झुक रहा है ज़मीं पर
ये मिलन हमने देखा यहीं पर
मेरी दुनिया, मेरे सपने, मिलेंगे शायद यहीं
सुहाना सफ़र...
Yes, like it
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