Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मो.रफ़ी
तुमने मुझे देखा, हो कर मेहरबाँ
रुक गयी ये ज़मीं, थम गया आसमाँ
जाने मन, जाने जाँ
तुमने मुझे...
कहीं दर्द के सहरा में, रुकते चलते होते
इन होंठों की हसरत में, तपते जलते होते
मेहरबाँ हो गयी, ज़ुल्फ़ की बदलियाँ
जानेमन, जाने जाँ...
लेकर ये हसीं जलवे, तुम भी न कहाँ पहुँचे
आखिर को मेरे दिल तक, क़दमों के निशाँ पहुँचे
ख़त्म से हो गए, रास्ते सब यहाँ
जानेमन, जाने जाँ..
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