Movie/Album: श्री ४२० (1955)
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: लता मंगेशकर, मो.रफ़ी, मुकेश
रमैय्या वस्तावैय्या, रमैय्या वस्तावैय्या
मैंने दिल तुझको दिया
नैनों में थी प्यार की रोशनी
तेरी आँखों में ये दुनियादारी ना थी
तू और था, तेरा दिल और था
तेरे मन में ये मीठी कटारी ना थी
मैं जो दुःख पाऊँ तो क्या
आज पछताऊँ तो क्या
मैंने दिल तुझको...
उस देश में, तेरे परदेस में
सोने चांदी के बदले में बिकते हैं दिल
इस गाँव में, दर्द की छाँव में
प्यार के नाम पर ही तड़पते हैं दिल
चाँद तारों के तले, रात ये गाती चले
मैंने दिल तुझको...
याद आती रही, दिल दुखाती रही
अपने मन को मनाना न आया हमें
तू ना आए तो क्या, भूल जाए तो क्या
प्यार कर के भुलाना न आया हमें
वहीं से दूर से ही, तू भी ये कह दे कभी
मैंने दिल तुझको...
रस्ता वही और मुसाफिर वही
एक तारा न जाने कहाँ छुप गया
दुनिया वही, दुनियावाले वही
कोई क्या जाने किसका जहां लुट गया
मेरी आँखों में रहे, कौन जो तुझसे कहे
मैंने दिल तुझको...
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: लता मंगेशकर, मो.रफ़ी, मुकेश
रमैय्या वस्तावैय्या, रमैय्या वस्तावैय्या
मैंने दिल तुझको दिया
नैनों में थी प्यार की रोशनी
तेरी आँखों में ये दुनियादारी ना थी
तू और था, तेरा दिल और था
तेरे मन में ये मीठी कटारी ना थी
मैं जो दुःख पाऊँ तो क्या
आज पछताऊँ तो क्या
मैंने दिल तुझको...
उस देश में, तेरे परदेस में
सोने चांदी के बदले में बिकते हैं दिल
इस गाँव में, दर्द की छाँव में
प्यार के नाम पर ही तड़पते हैं दिल
चाँद तारों के तले, रात ये गाती चले
मैंने दिल तुझको...
याद आती रही, दिल दुखाती रही
अपने मन को मनाना न आया हमें
तू ना आए तो क्या, भूल जाए तो क्या
प्यार कर के भुलाना न आया हमें
वहीं से दूर से ही, तू भी ये कह दे कभी
मैंने दिल तुझको...
रस्ता वही और मुसाफिर वही
एक तारा न जाने कहाँ छुप गया
दुनिया वही, दुनियावाले वही
कोई क्या जाने किसका जहां लुट गया
मेरी आँखों में रहे, कौन जो तुझसे कहे
मैंने दिल तुझको...
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