Movie/Album: बात एक रात की (1962)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: हेमंत कुमार, सुमन कल्यानपुर
न तुम हमें जानो
न हम तुम्हें जानें
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम मिल गया
ये मौसम ये रात चुप है
ये होंठों की बात चुप है
खामोशी सुनाने लगी, है दास्तां
नज़र बन गई है, दिल की ज़ुबां
न तुम हमें जानो...
मुहब्बत के मोड़ पे हम
मिले सबको छोड़ के हम
धड़कते दिलों का ले के ये कारवाँ
चले आज दोनों, जाने कहाँ
न तुम हमें जानो...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: हेमंत कुमार, सुमन कल्यानपुर
न तुम हमें जानो
न हम तुम्हें जानें
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम मिल गया
ये मौसम ये रात चुप है
ये होंठों की बात चुप है
खामोशी सुनाने लगी, है दास्तां
नज़र बन गई है, दिल की ज़ुबां
न तुम हमें जानो...
मुहब्बत के मोड़ पे हम
मिले सबको छोड़ के हम
धड़कते दिलों का ले के ये कारवाँ
चले आज दोनों, जाने कहाँ
न तुम हमें जानो...
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