Movie/Album: ईकोज़ (1985)
Music By: जगजीत सिंहPerformed By: जगजीत सिंह
हुजूर आपका भी एहतराम करता चलूँ
इधर से गुज़रा था, सोचा सलाम करता चलूँ
निगाह-ओ-दिल की यही आखरी तमन्ना है
तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साये में शाम करता चलूँ
उन्हें ये जिद के मुझे देख कर किसी को न देख
मेरा ये शौक के सबसे कलाम करता चलूँ
ये मेरे ख़्वाबों की दुनिया नहीं सही लेकिन
अब आ गया हूँ तो दो दिन कयाम करता चलूँ
इस गजल के शायर का नाम बताएं.
ReplyDeleteशादाब लाहौरी
Deleteवसीम साब हैं वसीम बरेलवी
ReplyDelete👌👍
DeleteBahoot badiya!
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