Movie/Album: मरासिम (2000)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: जगजीत सिंह
एक पुराना मौसम लौटा
याद भरी पुरवाई भी
ऐसा तो कम ही होता है
वो भी हो तनहाई भी
यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं
कितनी सौंधी लगती है तब माज़ी की रुसवाई भी
ऐसा तो कम...
दो-दो शक़्लें दिखती हैं इस बहके से आईने में
मेरे साथ चला आया है आप का इक सौदाई भी
ऐसा तो कम...
ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी है
उनकी बात सुनी भी हमने अपनी बात सुनाई भी
ऐसा तो कम...
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: जगजीत सिंह
एक पुराना मौसम लौटा
याद भरी पुरवाई भी
ऐसा तो कम ही होता है
वो भी हो तनहाई भी
यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं
कितनी सौंधी लगती है तब माज़ी की रुसवाई भी
ऐसा तो कम...
दो-दो शक़्लें दिखती हैं इस बहके से आईने में
मेरे साथ चला आया है आप का इक सौदाई भी
ऐसा तो कम...
ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी है
उनकी बात सुनी भी हमने अपनी बात सुनाई भी
ऐसा तो कम...
plese, post the lyrics of ghajal
ReplyDelete'Phir le aya dil(reprice)' from 'Barfi!' movie....
Already there:
ReplyDeletehttp://hindilyricspratik.blogspot.in/2012/08/phir-le-aaya-dil-rekha-bhardwaj-arijit_29.html