Movie/Album: हम दोनों (1961)
Music By: जयदेव
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मो.रफ़ी
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
बरबादियों का सोग मनाना फ़जूल था
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
हर फ़िक्र को...
जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
हर फ़िक्र को...
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
मैं दिल को उस मुक़ाम पे लाता चला गया
मैं ज़िन्दगी का साथ...
Music By: जयदेव
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मो.रफ़ी
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
बरबादियों का सोग मनाना फ़जूल था
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
हर फ़िक्र को...
जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
हर फ़िक्र को...
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
मैं दिल को उस मुक़ाम पे लाता चला गया
मैं ज़िन्दगी का साथ...
shandaar
ReplyDeleteAwesome
ReplyDeleteBeautiful
ReplyDeleteAmazing
ReplyDeleteअद्भुत लेखन
ReplyDeletethere is another line " naksho nigar - e-zis banane ka shauk tha.....main naksho nigar zis banata chala gaya
ReplyDeleteand another one " duniya main bhi kushee ko bahut bhoolti gayee .......main duniya ko kushee ke geet sunata chala gaya
वो रफ्ता रफ्ता मुझको पिलाते चले गए
ReplyDeleteमें रफ्ता रफ्ता होश में आता चला गया
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
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