Movie/Album: संगम (1964)
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मुकेश, लता मंगेशकर, महेंद्र कपूर
हर दिल जो प्यार करेगा, वो गाना गायेगा
दीवाना सैंकड़ों में पहचाना जायेगा
आप हमारे दिल को चुरा के आँख चुराये जाते हैं
ये इक तरफ़ा रसम-ए-वफ़ा हम फिर भी निभाये जाते हैं
चाहत का दस्तूर है लेकिन, आपको ही मालूम नहीं
जिस महफ़िल में शमा हो, परवाना जायेगा
दीवाना सैंकड़ों में...
भूली बिसरी यादें मेरे हँसते गाते बचपन की
रात बिरात चली आतीं हैं, नींद चुराने नैनन की
अब कह दूँगी, करते करते, कितने सावन बीत गये
जाने कब इन आँखों का शरमाना जायेगा
दीवाना सैंकड़ों में...
अपनी-अपनी सब ने कह ली, लेकिन हम चुपचाप रहे
दर्द पराया जिसको प्यारा, वो क्या अपनी बात कहे
ख़ामोशी का ये अफ़साना रह जायेगा बाद मेरे
अपना के हर किसी को, बेगाना जायेगा
दीवाना सैंकड़ों में...
Music By: शंकर जयकिशन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मुकेश, लता मंगेशकर, महेंद्र कपूर
हर दिल जो प्यार करेगा, वो गाना गायेगा
दीवाना सैंकड़ों में पहचाना जायेगा
आप हमारे दिल को चुरा के आँख चुराये जाते हैं
ये इक तरफ़ा रसम-ए-वफ़ा हम फिर भी निभाये जाते हैं
चाहत का दस्तूर है लेकिन, आपको ही मालूम नहीं
जिस महफ़िल में शमा हो, परवाना जायेगा
दीवाना सैंकड़ों में...
भूली बिसरी यादें मेरे हँसते गाते बचपन की
रात बिरात चली आतीं हैं, नींद चुराने नैनन की
अब कह दूँगी, करते करते, कितने सावन बीत गये
जाने कब इन आँखों का शरमाना जायेगा
दीवाना सैंकड़ों में...
अपनी-अपनी सब ने कह ली, लेकिन हम चुपचाप रहे
दर्द पराया जिसको प्यारा, वो क्या अपनी बात कहे
ख़ामोशी का ये अफ़साना रह जायेगा बाद मेरे
अपना के हर किसी को, बेगाना जायेगा
दीवाना सैंकड़ों में...
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