Movie/Album: अनोखी रात (1968)
Music By: रोशन
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: मुकेश
ओह रे ताल मिले नदी के जल में
नदी मिले सागर में
सागर मिले कौन से जल में
कोई जाने ना
ओह रे ताल मिले..
सूरज को धरती तरसे, धरती को चंद्रमा
पानी में सीप जैसे प्यासी हर आत्मा
ओ मितवा रे...
पानी में सीप...
बूंद छुपी किस बादल में
कोई जाने ना
ओह रे ताल मिले...
अन्जाने होंठों पर ये पहचाने गीत हैं
कल तक जो बेगाने थे जनमों के मीत हैं
ओ मितवा रे...
कल तक जो...
क्या होगा कौन से पल में
कोई जाने ना
ओह रे ताल मिले...
Music By: रोशन
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: मुकेश
ओह रे ताल मिले नदी के जल में
नदी मिले सागर में
सागर मिले कौन से जल में
कोई जाने ना
ओह रे ताल मिले..
सूरज को धरती तरसे, धरती को चंद्रमा
पानी में सीप जैसे प्यासी हर आत्मा
ओ मितवा रे...
पानी में सीप...
बूंद छुपी किस बादल में
कोई जाने ना
ओह रे ताल मिले...
अन्जाने होंठों पर ये पहचाने गीत हैं
कल तक जो बेगाने थे जनमों के मीत हैं
ओ मितवा रे...
कल तक जो...
क्या होगा कौन से पल में
कोई जाने ना
ओह रे ताल मिले...
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