Movie/Album: मुग़ल-ए-आज़म (1960)
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: मो.रफ़ी
वफ़ा की राह में, आशिक की ईद होती है
ख़ुशी मनाओ, मोहब्बत शहीद होती है
ज़िन्दाबाद! ज़िन्दाबाद!
ऐ मुहब्बत ज़िन्दाबाद!
दौलत की ज़ंजीरों से तू, रहती है आज़ाद
मन्दिर में, मस्जिद में तू और तू ही है ईमानों में
मुरली की तानों में तू और तू ही है आज़ानों में
तेरे दम से दीन-धरम की दुनिया है आबाद
ज़िन्दाबाद! ज़िन्दाबाद!
ऐ मुहब्बत ज़िन्दाबाद!
प्यार की आँधी रुक न सकेगी, नफ़रत की दीवारों से
ख़ून-ए-मुहब्बत हो न सकेगा, खंजर से, तलवारों से
मर जाते हैं आशिक़, ज़िन्दा रह जाती है याद
ज़िन्दाबाद! ज़िन्दाबाद!
ऐ मुहब्बत ज़िन्दाबाद!
इश्क़ बग़ावत कर बैठे तो दुनिया का रुख़ मोड़ दे
आग लगा दे महलों में और तख़्त-ए-शाही छोड़ दे
सीना ताने मौत से खेले, कुछ ना करे फ़रियाद
ज़िन्दाबाद! ज़िन्दाबाद!
ऐ मुहब्बत ज़िन्दाबाद!
ताज हुकूमत जिसका मज़हब, फिर उसका ईमान कहाँ
जिसके दिल में प्यार न हो, वो पत्थर है इनसान कहाँ
प्यार के दुश्मन होश में, आ हो जायेगा बरबाद
ज़िन्दाबाद! ज़िन्दाबाद!
ऐ मुहब्बत ज़िन्दाबाद!
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: मो.रफ़ी
वफ़ा की राह में, आशिक की ईद होती है
ख़ुशी मनाओ, मोहब्बत शहीद होती है
ज़िन्दाबाद! ज़िन्दाबाद!
ऐ मुहब्बत ज़िन्दाबाद!
दौलत की ज़ंजीरों से तू, रहती है आज़ाद
मन्दिर में, मस्जिद में तू और तू ही है ईमानों में
मुरली की तानों में तू और तू ही है आज़ानों में
तेरे दम से दीन-धरम की दुनिया है आबाद
ज़िन्दाबाद! ज़िन्दाबाद!
ऐ मुहब्बत ज़िन्दाबाद!
प्यार की आँधी रुक न सकेगी, नफ़रत की दीवारों से
ख़ून-ए-मुहब्बत हो न सकेगा, खंजर से, तलवारों से
मर जाते हैं आशिक़, ज़िन्दा रह जाती है याद
ज़िन्दाबाद! ज़िन्दाबाद!
ऐ मुहब्बत ज़िन्दाबाद!
इश्क़ बग़ावत कर बैठे तो दुनिया का रुख़ मोड़ दे
आग लगा दे महलों में और तख़्त-ए-शाही छोड़ दे
सीना ताने मौत से खेले, कुछ ना करे फ़रियाद
ज़िन्दाबाद! ज़िन्दाबाद!
ऐ मुहब्बत ज़िन्दाबाद!
ताज हुकूमत जिसका मज़हब, फिर उसका ईमान कहाँ
जिसके दिल में प्यार न हो, वो पत्थर है इनसान कहाँ
प्यार के दुश्मन होश में, आ हो जायेगा बरबाद
ज़िन्दाबाद! ज़िन्दाबाद!
ऐ मुहब्बत ज़िन्दाबाद!
I am fan of this blog because you provide song in hindi thanks and keep wrtiing
ReplyDeleteNice Lyrics
ReplyDelete