Movie/Album: नवाब सिराज-उद-दौला (1967)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजा मेहदी अली खान
Performed By: मन्ना डे
आज मिले मन के मीत
घुँघरुओं की लय पे आज
नाचने लगी है प्रीत
चन्द्रमा सा गोरा बदन
झिलमिलाये जैसे किरण
चूम रहा उन के चरण
झूम-झूम के संगीत
आज मिले मन...
उनकी प्रीत उनकी लगन
लिपट गयी जैसे अगन
मन में मेरे आन बसे
जैसे बाँसुरी में गीत
आज मिले मन...
अँखियाँ ये बन के चकोर
देखे हैं चन्दा की ओर
सांवली सलोनी रैन
आज धीरे धीरे बीत
आज मिले मन...
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजा मेहदी अली खान
Performed By: मन्ना डे
आज मिले मन के मीत
घुँघरुओं की लय पे आज
नाचने लगी है प्रीत
चन्द्रमा सा गोरा बदन
झिलमिलाये जैसे किरण
चूम रहा उन के चरण
झूम-झूम के संगीत
आज मिले मन...
उनकी प्रीत उनकी लगन
लिपट गयी जैसे अगन
मन में मेरे आन बसे
जैसे बाँसुरी में गीत
आज मिले मन...
अँखियाँ ये बन के चकोर
देखे हैं चन्दा की ओर
सांवली सलोनी रैन
आज धीरे धीरे बीत
आज मिले मन...
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