Movie/Album: मेरी सूरत तेरी आँखें (1963)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: लता मंगेशकर
तेरे ख़यालों में, तेरे ही ख़्वाबों में
दिन जाए रैना जाए रे
जाने ना तू साँवरिया
फूलों के मौसम ने, कोयल की पंचम ने
रंगीन सपने जगाए
तरसे बहरों को, तेरे नज़ारों को
दिल की कली खिल ना पाए रे
जाने ना तू...
पास जो आती हूँ, कुछ कहने जाती हूँ
मेरी ज़ुबाँ लड़खड़ाए
बेबस बेचारी मैं, अपने से हारी मैं
पछताऊँ नेहा लगाए रे
जाने ना तू...
कितने बहानों से, दिलकश तरानों से
आवाज़ तेरी बुलाए
छुपने-छुपाने में, यूँ आने-जाने में
ये आग बढ़ती ही जाए रे
जाने ना तू...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: लता मंगेशकर
तेरे ख़यालों में, तेरे ही ख़्वाबों में
दिन जाए रैना जाए रे
जाने ना तू साँवरिया
फूलों के मौसम ने, कोयल की पंचम ने
रंगीन सपने जगाए
तरसे बहरों को, तेरे नज़ारों को
दिल की कली खिल ना पाए रे
जाने ना तू...
पास जो आती हूँ, कुछ कहने जाती हूँ
मेरी ज़ुबाँ लड़खड़ाए
बेबस बेचारी मैं, अपने से हारी मैं
पछताऊँ नेहा लगाए रे
जाने ना तू...
कितने बहानों से, दिलकश तरानों से
आवाज़ तेरी बुलाए
छुपने-छुपाने में, यूँ आने-जाने में
ये आग बढ़ती ही जाए रे
जाने ना तू...
सुमधूर और श्रवणीय गीत. लिरिक्स के लिए धन्यवाद.
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