Movie/Album: पगला कहीं का (1969)
Music By: शंकर जयिकशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: मो.रफ़ी, लता मंगेशकर
तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग संग तुम भी गुनगुनाओगे
रफ़ी
वो बहारें, वो चांदनी रातें
हमने की थीं जो प्यार की बातें
उन नज़ारों की याद आयेगी
जब खयालों में मुझको लाओगे
तुम मुझे यूँ भुला...
मेरे हाथों में तेरा चेहरा था
जैसे कोई गुलाब होता है
और सहारा लिया था बाहों का
वो समां किस तरह भुलाओगे
तुम मुझे यूँ भुला...
मुझको देखे बिना क़रार न था
एक ऐसा भी दौर गुज़रा है
झूठ मानो तो पूछ लो दिल से
मैं कहूंगा तो रूठ जाओगे
तुम मुझे यूँ भुला...
लता
बीती बातों का कुछ ख्याल करो
कुछ तो बोलो, कुछ हमसे बात करो
राज़-ए-दिल मैं तुम्हें बता दूंगी
मैं तुम्हारी हूँ मान जाओगे
तुम मुझे यूँ भुला...
मेरी खामोशियों को समझो तुम
ज़िन्दगी याद में गुज़ारी है
मैं मिटी हूँ तुम्हारी चाहत में
और कितना मुझे मिटाओगे
तुम मुझे यूँ भुला...
दिल ही दिल में तुम्हीं से प्यार किया
अपने जीवन को भी निसार किया
कौन तड़पा तुम्हारी राहों में
जब ये सोचोगे जान जाओगे
तुम मुझे यूँ भुला...
Music By: शंकर जयिकशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: मो.रफ़ी, लता मंगेशकर
तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग संग तुम भी गुनगुनाओगे
रफ़ी
वो बहारें, वो चांदनी रातें
हमने की थीं जो प्यार की बातें
उन नज़ारों की याद आयेगी
जब खयालों में मुझको लाओगे
तुम मुझे यूँ भुला...
मेरे हाथों में तेरा चेहरा था
जैसे कोई गुलाब होता है
और सहारा लिया था बाहों का
वो समां किस तरह भुलाओगे
तुम मुझे यूँ भुला...
मुझको देखे बिना क़रार न था
एक ऐसा भी दौर गुज़रा है
झूठ मानो तो पूछ लो दिल से
मैं कहूंगा तो रूठ जाओगे
तुम मुझे यूँ भुला...
लता
बीती बातों का कुछ ख्याल करो
कुछ तो बोलो, कुछ हमसे बात करो
राज़-ए-दिल मैं तुम्हें बता दूंगी
मैं तुम्हारी हूँ मान जाओगे
तुम मुझे यूँ भुला...
मेरी खामोशियों को समझो तुम
ज़िन्दगी याद में गुज़ारी है
मैं मिटी हूँ तुम्हारी चाहत में
और कितना मुझे मिटाओगे
तुम मुझे यूँ भुला...
दिल ही दिल में तुम्हीं से प्यार किया
अपने जीवन को भी निसार किया
कौन तड़पा तुम्हारी राहों में
जब ये सोचोगे जान जाओगे
तुम मुझे यूँ भुला...
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