Movie/Album: 1947 अर्थ (1999)
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: हरिहरन
धीमी धीमी, भीनी भीनी
खुशबू है तेरा बदन
सुलगे महके पिघले दहके
क्यों ना बहके मेरा मन
वो चली हवा, के नशा घुला
हैं समा भी जैसे धुआँ-धुआँ
तेरा रुप है, की ये धूप है
खुले बाल है, के है बदलियाँ
तू जो पास है, मुझे प्यास है
तेरे जिस्म का एहसास है
सांस भी जैसे रुक सी जाती है
तू जो पास आये तो आँच आती है
दिल की धड़कन भी, मेरे सीने में लडखडाती है
ये तेरा तन बदन, कैसी है ये अगन
ठंडक है जिस्म तू वो आग है
बलखाती है जो तू, लहराती है जो तू
लगता है ये बदन, इक राग है
वो चली हवा...
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: हरिहरन
धीमी धीमी, भीनी भीनी
खुशबू है तेरा बदन
सुलगे महके पिघले दहके
क्यों ना बहके मेरा मन
वो चली हवा, के नशा घुला
हैं समा भी जैसे धुआँ-धुआँ
तेरा रुप है, की ये धूप है
खुले बाल है, के है बदलियाँ
तू जो पास है, मुझे प्यास है
तेरे जिस्म का एहसास है
सांस भी जैसे रुक सी जाती है
तू जो पास आये तो आँच आती है
दिल की धड़कन भी, मेरे सीने में लडखडाती है
ये तेरा तन बदन, कैसी है ये अगन
ठंडक है जिस्म तू वो आग है
बलखाती है जो तू, लहराती है जो तू
लगता है ये बदन, इक राग है
वो चली हवा...
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