Movie/Album: अन्जाम (1993)
Performed By: पूर्णिमा
अठरा बरस की कंवारी कली थी
घूँघट में मुखड़ा छुपके चली थी
फँसी गोरी, फँसी गोरी चने के खेत में
हुई चोरी चने के खेत में
पहले तो जुल्मी ने पकड़ी कलाई
फिर उसने चुपके से ऊँगली दबाई
जोरा जोरी, जोरा जोरी चने के खेत में
हुई चोरी चने के खेत में
मेरे आगे पीछे शिकारियों के घेरे
बैठे वहाँ सारे जवानी के लुटेरे
हारी मैं हारी पुकार के
यहाँ वहाँ देखी निहार के
जोबन पे चुनरी गिरा के चली थी
हाथों में कंगना सजा के चली थी
चूड़ी टूटी, चूड़ी टूटी चने के खेत में
जोरा जोरी...
तौबा मेरी तौबा, निगाहें ना मिलाऊँ
ऐसे कैसे सबको कहानी मैं बताऊँ
क्या क्या हुआ मेरे साथ रे
कोई भी तो आया न हाथ रे
लहंगे में गोटा जड़ा के चली थी
बालों में गजरा लगा के चली थी
बाली छूटी चने के खेत में
जोरा जोरी...
Music By: आनंद मिलिंद
Lyrics By: समीरPerformed By: पूर्णिमा
अठरा बरस की कंवारी कली थी
घूँघट में मुखड़ा छुपके चली थी
फँसी गोरी, फँसी गोरी चने के खेत में
हुई चोरी चने के खेत में
पहले तो जुल्मी ने पकड़ी कलाई
फिर उसने चुपके से ऊँगली दबाई
जोरा जोरी, जोरा जोरी चने के खेत में
हुई चोरी चने के खेत में
मेरे आगे पीछे शिकारियों के घेरे
बैठे वहाँ सारे जवानी के लुटेरे
हारी मैं हारी पुकार के
यहाँ वहाँ देखी निहार के
जोबन पे चुनरी गिरा के चली थी
हाथों में कंगना सजा के चली थी
चूड़ी टूटी, चूड़ी टूटी चने के खेत में
जोरा जोरी...
तौबा मेरी तौबा, निगाहें ना मिलाऊँ
ऐसे कैसे सबको कहानी मैं बताऊँ
क्या क्या हुआ मेरे साथ रे
कोई भी तो आया न हाथ रे
लहंगे में गोटा जड़ा के चली थी
बालों में गजरा लगा के चली थी
बाली छूटी चने के खेत में
जोरा जोरी...
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