Movie/Album: युवा (2004)
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: महबूब
Performed By: मधुश्री, ए.आर.रहमान
कभी नीम-नीम, कभी शहद-शहद
कभी नरम-नरम, कभी सख्त-सख्त
मोरा पिया, मोरा पिया, मोरा पिया
नज़रों के तीर में बसा है प्यार
जब भी चला है वो दिल के पार
लज्जा से मरे रे ये जिया, पिया...
शोंधा की ये लाली मुख चमकाये
सोंधी-सोंधी ख़ुश्बू मन बहकाये
ज़ुल्फ़ों की रैना फिर क्यूँ ना छाये
हो चाँद-सितारे, देखेंगे सारे
लज्जा से मरे रे ये जिया, पिया...
कभी नीम-नीम, कभी शहद-शहद...
बोईरागी मन तेरा, है साहेब जी
मेरे सीने में है क़ैद वो अब जी
प्रीत की रखो लाज, ऐ मेरे रब जी
हो रुसवा हुई तो, दुनिया हँसी तो
लज्जा से मरे रे ये जिया, पिया...
कभी नीम-नीम, कभी शहद-शहद...
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: महबूब
Performed By: मधुश्री, ए.आर.रहमान
कभी नीम-नीम, कभी शहद-शहद
कभी नरम-नरम, कभी सख्त-सख्त
मोरा पिया, मोरा पिया, मोरा पिया
नज़रों के तीर में बसा है प्यार
जब भी चला है वो दिल के पार
लज्जा से मरे रे ये जिया, पिया...
शोंधा की ये लाली मुख चमकाये
सोंधी-सोंधी ख़ुश्बू मन बहकाये
ज़ुल्फ़ों की रैना फिर क्यूँ ना छाये
हो चाँद-सितारे, देखेंगे सारे
लज्जा से मरे रे ये जिया, पिया...
कभी नीम-नीम, कभी शहद-शहद...
बोईरागी मन तेरा, है साहेब जी
मेरे सीने में है क़ैद वो अब जी
प्रीत की रखो लाज, ऐ मेरे रब जी
हो रुसवा हुई तो, दुनिया हँसी तो
लज्जा से मरे रे ये जिया, पिया...
कभी नीम-नीम, कभी शहद-शहद...
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