Movie/Album: झुक गया आसमान (1968)
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: लता मंगेशकर, मो.रफ़ी
मेरी आँखों की निंदिया चुरा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन, तुम्हारे सिवा कौन
बातों-बातों में दिल को उड़ा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन, तुम्हारे सिवा कौन
अपनी आँखों से अफ़साने कहते रही
मैं तो यादों के तूफां में बहती रही
कोई मौजों में मुझको बहा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन, तुम्हारे सिवा कौन
बातों बातों में दिल...
ऐसा बंधन बंधा है, कभी न खुले
ख़त्म होते नहीं प्यार के सिलसिले
ज़िन्दगी भर को अपना बना ले गया
तुम्हारे सिवा कौन, तुम्हारे सिवा कौन
मेरी आँखों की निंदिया...
वो ख़ुशी मिल गई, मैं बयां क्या करूँ
लड़खड़ती है मेरी जुबां क्या करूँ
दिल की डोले में कोई बिठा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन, तुम्हारे सिवा कौन
बातों बातों में दिल...
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: लता मंगेशकर, मो.रफ़ी
मेरी आँखों की निंदिया चुरा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन, तुम्हारे सिवा कौन
बातों-बातों में दिल को उड़ा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन, तुम्हारे सिवा कौन
अपनी आँखों से अफ़साने कहते रही
मैं तो यादों के तूफां में बहती रही
कोई मौजों में मुझको बहा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन, तुम्हारे सिवा कौन
बातों बातों में दिल...
ऐसा बंधन बंधा है, कभी न खुले
ख़त्म होते नहीं प्यार के सिलसिले
ज़िन्दगी भर को अपना बना ले गया
तुम्हारे सिवा कौन, तुम्हारे सिवा कौन
मेरी आँखों की निंदिया...
वो ख़ुशी मिल गई, मैं बयां क्या करूँ
लड़खड़ती है मेरी जुबां क्या करूँ
दिल की डोले में कोई बिठा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन, तुम्हारे सिवा कौन
बातों बातों में दिल...
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