Movie/Album: कोक स्टूडियो एम्.टी.वी. (2013)
Music By: पैपॉन
Lyrics By: वैभव मोदी
Performed By: पैपॉन
सलवटों पे लिखी, करवटें इक हज़ार
धीमी आँच पे जैसे, घुलता रहे मल्हार
मूंदी आँखों में महका सा
बीती रात का ये खुमार
मूंदी आँखों में महका
कैसे काटूँ बैरी, दोपहरी
आवे ना क्यूँ रैना
कैसे मैं, काटूँ रे
दोपहरी, बैरी
कैसे मैं, काटूँ रे
मोसे ना, बोले रे, हरजाई
पल छिन गिन गिन, हारूं मैं
हसरतों ने किया, रुख्सतों से क़रार
थामे आँचल तेरा, करती है इंतज़ार
कैसे काटूँ...
मुद्दतों सा लगे/चले, हर इक लम्हा
आहटों ने किया है, जीना भी दुश्वार
मूंदी आँखों में महका सा
बीती रात का ये खुमार
Music By: पैपॉन
Lyrics By: वैभव मोदी
Performed By: पैपॉन
सलवटों पे लिखी, करवटें इक हज़ार
धीमी आँच पे जैसे, घुलता रहे मल्हार
मूंदी आँखों में महका सा
बीती रात का ये खुमार
मूंदी आँखों में महका
कैसे काटूँ बैरी, दोपहरी
आवे ना क्यूँ रैना
कैसे मैं, काटूँ रे
दोपहरी, बैरी
कैसे मैं, काटूँ रे
मोसे ना, बोले रे, हरजाई
पल छिन गिन गिन, हारूं मैं
हसरतों ने किया, रुख्सतों से क़रार
थामे आँचल तेरा, करती है इंतज़ार
कैसे काटूँ...
मुद्दतों सा लगे/चले, हर इक लम्हा
आहटों ने किया है, जीना भी दुश्वार
मूंदी आँखों में महका सा
बीती रात का ये खुमार
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