Movie/Album: ये नज़दीकियाँ (1982)
Music By: रघुनाथ सेठ
Lyrics By: गणेश बिहारी श्रीवास्तव
Performed By: भूपिंदर सिंह
दो घड़ी बहला गयीं परछाईयाँ
फिर वही गम है, वही तन्हाईयाँ, तन्हाईयाँ
दो घड़ी बहला गयीं...
रसमसाता जिस्म पूनम की छटा
ये घनेरे बाल सावन की घटा
तुम जो हँसकर बादलों को देख लो
बिजली लेने लगे अंगड़ाईयाँ
फिर वही गम है...
दो घड़ी बहला गईं...
जो भी इन आँखों में खोया खो गया
जो तुम्हारा हो गया, बस हो गया
डूबने वाला न फिर उभरा कभी
उफ़ निगाहें नाज़ की गहराईयाँ
फिर वही गम है...
दो घड़ी बहला गयी...
तुम मेरी दुनिया मेरा ईमां भी हो
तुम मेरी हसरत, तुम्हीं अरमां भी हो
तुम जो हो तो हर तरफ संगीत है
तुम नहीं तो ज़हर है शहनाईयाँ
फिर वही गम है...
दो घड़ी बहला गई...
Music By: रघुनाथ सेठ
Lyrics By: गणेश बिहारी श्रीवास्तव
Performed By: भूपिंदर सिंह
दो घड़ी बहला गयीं परछाईयाँ
फिर वही गम है, वही तन्हाईयाँ, तन्हाईयाँ
दो घड़ी बहला गयीं...
रसमसाता जिस्म पूनम की छटा
ये घनेरे बाल सावन की घटा
तुम जो हँसकर बादलों को देख लो
बिजली लेने लगे अंगड़ाईयाँ
फिर वही गम है...
दो घड़ी बहला गईं...
जो भी इन आँखों में खोया खो गया
जो तुम्हारा हो गया, बस हो गया
डूबने वाला न फिर उभरा कभी
उफ़ निगाहें नाज़ की गहराईयाँ
फिर वही गम है...
दो घड़ी बहला गयी...
तुम मेरी दुनिया मेरा ईमां भी हो
तुम मेरी हसरत, तुम्हीं अरमां भी हो
तुम जो हो तो हर तरफ संगीत है
तुम नहीं तो ज़हर है शहनाईयाँ
फिर वही गम है...
दो घड़ी बहला गई...
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